लोकप्रिय धारणा के विपरीत, "Lorem Ipsum" केवल यादृच्छिक (रैंडम) पाठ नहीं है।
इसकी जड़ें 45 ईसा पूर्व की लैटिन साहित्य की एक शास्त्रीय कृति में हैं, जिससे यह 2000 वर्षों से भी अधिक पुराना है। वर्जीनिया के हैम्पडन-सिडनी कॉलेज में लैटिन के प्रोफेसर रिचर्ड मैक्लिंटॉक ने "Lorem Ipsum" के एक अंश में प्रयुक्त एक कठिन लैटिन शब्द "consectetur" को खोजा। इस शब्द के शास्त्रीय साहित्य में संदर्भों का अध्ययन करते हुए उन्होंने इसके निर्विवाद स्रोत की खोज की।
"Lorem Ipsum" सिसरो की रचना "de Finibus Bonorum et Malorum" (अर्थात् "अच्छाई और बुराई की सीमाएँ") की धारा 1.10.32 और 1.10.33 से लिया गया है, जो 45 ईसा पूर्व लिखी गई थी। यह पुस्तक नैतिकता के सिद्धांतों पर एक निबंध है, जो पुनर्जागरण काल में अत्यंत लोकप्रिय थी।
"Lorem ipsum dolor sit amet..." वाक्य का पहला भाग धारा 1.10.32 से लिया गया है।
1500 के दशक से उपयोग में आ रहा Lorem Ipsum का मानक अंश नीचे दिया गया है, जो रुचि रखने वालों के लिए प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, सिसरो की मूल लैटिन रचना के अंशों (1.10.32 और 1.10.33) को उनकी मूल भाषा में और 1914 में H. Rackham द्वारा किए गए अंग्रेज़ी अनुवाद के साथ भी पुन: प्रस्तुत किया गया है।


